लेखनी कहानी -14-May-2022रिश्तो का जायका
रिश्तो का जायका
रिश्तों का जायका बड़ा कमाल,
रखना यारो इसे तुम संभाल।
रिश्ते देखो होते सारे,
प्रेम प्रीत से निभते प्यारे।
लड़ाई झगड़े से बात बने ना,
कटुता से व्यवहार निभे ना।
रिश्ते हैं जीवन की पूंजी,
समर्पण ,सद्भाव, त्याग सदा भला लगे।
रिश्तो से मिठास बढे,
मिलजुल कर रहते सारे
सुख संपत्ति आती पास,
रिश्तो में हो अगर मिठास।
थोड़ा भी लगे बहुत अधिक,
स्वास्थ्य हित में बड़ा जायका।
जायके में मन है रम जाए,
रिश्ते आसानी से भाए।
ऐसी जाएके गुण हैं देते,
उत्तम व्यवहार की व्याख्या करते ।
कटुता से रिश्ते कहां निभे,
जीवन में वह तो दरार करें।
रिश्तो का हो बुरा जाएका,
जीवन अंधकारमय लगता।
फिर ना कोई रिश्ता जचंता,
सब में फिर धोखा है दिखता।
रिश्ते तो है जीवन की धूरी,
मिठास से सदा इन्हीं संभालो।
तत्परता से इन्हें निभा लो,
मधुमय सब से संबंध बना लो।
रचनाकार ✍️
मधु अरोरा
14.5.2022
प्रतियोगिता हेतु
Reyaan
16-May-2022 12:27 AM
Very nice 👍🏼
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Haaya meer
15-May-2022 11:38 PM
Very nice
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Sachin dev
15-May-2022 11:11 PM
Nice
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